जीवन अनिश्चितता से भरा हुआ हे आप किसी भी विषय घटना को लेकर सकारात्मक तो हो सकते हो पर अंतिम नहीं आपने जीवन के अलग अलग पहलुओं को देखा होगा कई बार जिसे आप अपना अंतिम फैसला मान लेते हैं समय के अनुसार उसमे शिथिलता आ जाती हे कारण आप खुद विचार नहीं कर पाते क्योंकि आपका निर्णय तो अंतिम होता हे पर प्रकृति उसे पूरा स्वीकार करे ये संभव हे भी नहीं भी
Thursday, August 20, 2020
Sunday, July 19, 2020
जीवन का आधार
जय पराजय,यश-अपयश,मान-प्रतिष्ठा,प्रेम-क्रोध इत्यादी ये सब मानव जीवन का ही आधार हैं,वर्तमान आपाधापी के जीवन में हम धन-प्रतिष्ठा के चक्कर मैं वैदेह से हो गए हैं आज जो वास्तविक जीवन हे उस से हम दूर से होने लगे हैं रिश्ते नाते सम्बन्ध द्वतीय पंक्ति मैं आने लगे हैं क्या ये विचारणीय नहीं हे अगर हे तो आप सम्मानित अपने विचार प्रगट करें।
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